कंप्यूटर के बारे में तो आप भली-भांति जानते होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कंप्यूटर के अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटर को अलग-अलग भागों में बांटा गया है. और आज हम इस पोस्ट में आपको अनुक्रम के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार बताने वाले हैं.
कंप्यूटर की शुरुआत भले ही एक गणना करने वाली मशीन (calc) के तौर पर हुई लेकिन समय के साथ विभिन्न प्रयोगों के लिए कंप्यूटर बनाए गए. जिस वजह से आज हमें अलग अलग कंप्यूटर्स देखने को मिलते है, तो आइए जानते हैं.

अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण
पिछले लेख में हमने आपको आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार की जानकारी दिया था. तो चलिए जानते है अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?
1. एनालॉग कंप्यूटर

एक ऐसा सिस्टम जिसमें भौतिक मात्राएं बदलती रहती है वह एनालॉग कंप्यूटर कहलाता है. यह कंप्यूटर एनालॉग डाटा को प्रेषित करता है जिस वजह से इसका नाम एनालॉग कंप्यूटर पड़ा.
कंप्यूटर का यह प्रकार कंप्यूटर कि उन मशीनों में से एक है जिन्हें कंप्यूटर के शुरुवात दौर में विकसित किया गया था.
ऐसे कंप्यूटर्स का उपयोग उन स्थानों में किया जाता है, जहां पर डाटा को बिना नंबर्स में तब्दील किए मापा जाता है. यह कंप्यूटर पर लगातार भौतिक मात्रा में डाटा को स्टोर करता है, Analog कंप्यूटर भी कई प्रकार के होते हैं जिनमें से कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित है.
Analog computer का इस्तेमाल 1950-60 के दशक में पहली बार किया गया और आज भी इन कंप्यूटर्स का इस्तेमाल कई सारे इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स में हम देख सकते हैं.
पहले के समय में कंप्यूटर का इस्तेमाल जहां एयरक्राफ्ट में, नौकाओं में तथा उपकरणों में होता था.
वहीं आज भी इनका उपयोग खत्म नहीं हुआ है आज रेफ्रिजरेटर, speedometer इत्यादि का उपयोग आज हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं.
2. डिजिटल कंप्यूटर

एक डिजिटल कंप्यूटर को डिजिटल सिस्टम भी कहा जा सकता है! जो कंप्यूटरीकृत कार्यों को करने योग्य होता है.
सरल शब्दों में समझे तो डिजिटल कंप्यूटर बाइनरी नंबर सिस्टम पर कार्य करते हैं, बाइनरी सिस्टम में 2 डिजिट होती हैं 0 और 1.
दुनिया का पहला डिजिटल कंप्यूटर वर्ष 1940 में तैयार किया गया था. यह कंप्यूटर गणितीय कार्यों को करने योग्य था.
डिजिटल कंप्यूटर दो भागों से मिलकर बना होता है सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर. कंप्यूटर में मौजूद वे सारे भौतिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उन्हें हार्डवेयर कहा जाता है.
वहीं उस कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए उपलब्ध प्रोग्राम को Software कहा जाता है. जिनकी मदद से कंप्यूटर यूजर के द्वारा दी गई कमांड के आधार पर डाटा को प्रोसेस करता है और किसी टास्क को पूरा करता है.
कंप्यूटर कई सारे पार्ट्स से मिलकर बना होता है जिनमें से कुछ मुख्य पार्ट input output devices, CPU (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट), RAM और ROM तथा memory unit है.
जिसमें डाटा को स्टोर किया जाता है, यह सभी इसी के अंतर्गत शामिल होते हैं.
कंप्यूटर की तुलना में डिजिटल कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस किया गया डाटा अधिक Accurate होने के साथ-साथ अधिक फास्ट माना ज्यादा है.
आइए हम दोनों के बीच के अंतर को समझते हैं, जिससे आपको इन दोनों की विशेषताओं को समझने में आसानी होगी.
3. हाइब्रिड कंप्यूटर

वह कंप्यूटर सिस्टम जिसमें एनालॉग तथा डिजिटल कंपोनेंट्स पाए जाते हैं वह एक हाइब्रिड कंप्यूटर होता है.
इस टाइप के कंप्यूटर को बनाने का मुख्य उद्देश्य analog तथा digital computers की खूबियां एक ही कंप्यूटर ने सम्मिलित करना था.
हाइब्रिड कंप्यूटर complex calculations को आसानी से सॉल्व करने के लिए बनाया गया है. इसलिए इनका इस्तेमाल बिजनेसे तथा संस्थाओं द्वारा टेक्निकल एवं लॉजिकल ऑपरेशंस को करने हेतु किया जाता है.
इन कंप्यूटर की खासियत यह है कि यह एनालॉग कंप्यूटर के समान एक्यूरेसी प्रदान करते हैं. साथ ही digital computer speed बरकरार रखते हैं. बड़ी-बड़ी समीकरणों को real time में करने की क्षमता के लिए कंप्यूटर जाने जाते हैं.
इन कंप्यूटर्स के कुछ नुकसान भी हैं जैसे कि उनका दाम काफी अधिक होता है. कई सारी नेटवर्क hubs, nodes का इस्तेमाल हाइब्रिड कंप्यूटर में होता है इसलिए यह काफी ज्यादा कॉस्टली होते हैं.
एनालॉग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर में अंतर
कंप्यूटर में डाटा गतिशील फॉर्म में डिस्प्ले होता है, जबकि डिजिटल कंप्यूटर में डाटा discretely फोन में दिखाई देता है जैसे कि 0, 1 होता है.
Speedometer, telephone lines, Astrolabe, Oscilloscope इत्यादि यह सभी एनालॉग कंप्यूटर के एक उदाहरण है. जबकि सभी पर्सनल कंप्यूटर IBM PC, digital computer इसके उदाहरण है.
Speed के मामले में डिजिटल कंप्यूटर अधिक फास्ट होते हैं.
Analog computer से किसी भी तरह का इनपुट तथा आउटपुट डिवाइस अटैच नहीं होता. जबकि डिजिटल कम्प्यूटर में mouse, keyboard इत्यादि Devices इनपुट आउटपुट के तौर पर अटैच होते हैं.
Analog Computer को ऑपरेट करने के लिए टेक्निकल स्टाफ की आवश्यकता पड़ती है. लेकिन डिजिटल कंप्यूटर को कोई भी यूजर आसानी से इस्तेमाल करना सीख सकता है.
Analog computer में सिग्नल्स electromagnetic wave में होती है. जबकि डिजिटल कंप्यूटर में वोल्टेज की Pulses एक क्रम में होती है.
मात्राओं को निर्धारित करने तथा scientific corporation हेतु एनालॉग कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं दूसरी तरफ डिजिटल कंप्यूटर का इस्तेमाल घरों और बिजनेस में किया जाता है.
Analog computer में memory unit तथा computing terminals शामिल नहीं होते, जबकि digital computer में डाटा को स्टोर करने के लिए मेमोरी यूनिट तथा स्टोरेज होते है.
एनालॉग कंप्यूटर को वेरिएबल डाटा शो करने के लिए किसी फिजिकल डिवाइस जैसे थर्मामीटर की आवश्यकता पड़ती है. वहीं दूसरी तरफ डिजिटल कंप्यूटर monitor तथा printers जैसे Devices से Text तथा विजुअल को एकदम एक्यूरेसी के साथ शो करता है.
डाटा को सटीकता के साथ दिखाने के लिए एनालॉग कंप्यूटर में सर्किट के साथ शोर उत्पन्न करते हैं. लेकिन डिजिटल कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक नॉइस प्रदान नहीं करते हैं.
निष्कर्ष
आज का यह लेख यहीं समाप्त होता है. आशा है अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार जानकर अब आपको कंप्यूटर के बारे में और भी विस्तार से समझने में सहायता मिली होगी. अगर यह जानकारी आपको पसंद आई तो अधिक से अधिक शेयर करना न भूलें.
Uddeshya ke adhar par computer