ऑनलाइन कई कार्यों को करने के लिए अब हम वेबसाइट के अलावा बहुत सारी एप्लीकेशन का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। क्योंकि जितनी भी बड़ी-बड़ी वेबसाइट है वह अपनी एप्लीकेशन भी अवश्य गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च करती हैं। तो आखिर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या होता है?
एप्लीकेशन अलग-अलग कामों के लिए बनाई जाती हैं और उनका इस्तेमाल भी अलग-अलग कामों के लिए किया जाता है। हम सभी अपने लैपटॉप, कंप्यूटर या फिर स्मार्टफोन में विभिन्न प्रकार की एप्लीकेशन का यूज करते हैं। चलिए एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के उदाहरण के बारे में अधिक जानते हैं।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं?
यह एक प्रकार का सॉफ्टवेयर ही होता हैं जिन्हें डेवलपर कंपनी के द्वारा किसी विशेष उद्देश्य के लिए क्रिएट किया जाता है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ग्राहकों की डिमांड को देखते हुए क्रिएट की जाते हैं, ताकि वह ग्राहकों के लिए या फिर यूजर के लिए फायदेमंद साबित हो सके।

एप्लीकेशन को एंड यूजर प्रोग्राम भी कहा जाता है। आपको बता दें कि, सिस्टम सॉफ्टवेयर ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को मैनेज करने का काम करता है। अपने किसी जरूरी उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल यूजर करते हैं।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए या तो यूजर अपने स्मार्टफोन अथवा कंप्यूटर या फिर लैपटॉप में एप्लीकेशन इंस्टॉल करते हैं अथवा ऑनलाइन ही इसे एक्सेस करके इसका इस्तेमाल करते हैं। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को हम अपने डिवाइस में जरूरत पड़ने पर इंस्टॉल करके यूज कर सकते हैं और काम खत्म हो जाने पर हम चाहे तो इसे अनइनस्टॉल भी कर सकते हैं।
कुछ कंपनियां एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर फ्री में बनाती हैं तो कुछ कंपनियां एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को Paid के तौर पर लांच करती हैं।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की सूची में निम्नलिखित एप्स शामिल हैं। अगर आपको एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार की पूरी सूचि चाहिए तो इस लिंक पे जा कर पढ़ सकते है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कार्य
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कार्य अलग काम के लिए अलग-अलग होता है। लोगों के लिए फंक्शन को उपयोगी बनाने के लिए बड़ी संख्या में एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को डिजाइन किया जाता है जिनमें से कुछ में इंफॉर्मेशन का मैनेजमेंट, डाटा में चेंज, आंकड़ों की Calculation करना शामिल है। यहाँ से एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग जरुर पढ़े।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के फायदे क्या हैं?
यूजर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके अपने किसी विशेष काम या फिर विशेष उद्देश्य को पूरा कर सकता है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने के लिए यूजर जब चाहे तब उसे अपने डिवाइस में इंस्टॉल कर सकता है और अपना काम कर सकता है और काम खत्म हो जाने के बाद यूजर जब चाहे तब उसे अपने डिवाइस से अनइनस्टॉल भी कर सकता है और अपने डिवाइस में से स्पेस फ्री कर सकता है। यूजर की सटिक जरूरतों को पूरा करने का काम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर करती है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में समय-समय पर अपडेट भी आते रहते हैं। ऐसी अवस्था में यूजर को हर बार एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में कोई ना कोई नई चीज दिखाई देती है जो उसके लिए उपयोगी साबित होती है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में डाटा में अपनी इच्छा के अनुसार बदलाव भी कर सकते हैं। बदले हुए डाटा कि कभी भी एडिटिंग भी कर सकते हैं।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के नुकसान क्या है?
कुछ एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हम फ्री में कर सकते हैं वहीं कुछ एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए हमें कुछ चार्ज भरना पड़ता है क्योंकि कई कंपनियां कुछ एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को Paid Software के तौर पर लांच करती हैं जिसे यूज करने के लिए यूजर को कुछ पैसे भरने पड़ते हैं।
जो भी व्यक्ति एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर बनाना चाहता है उसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी होनी आवश्यक है तभी वह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्रिएट कर सकेगा। बता दें कि, ऐसे कई एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते हैं जो डिवाइस के लिए नुकसानदेह माने जाते हैं जिनका पता लगाना आवश्यक होता है, वरना वह आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में अंतर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब डिवाइस में ऑपरेटिंग सिस्टम को इंस्टॉल किया जाता है तभी सिस्टम सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो जाते हैं। वही जब यूजर को यह लगता है कि उसे किसी सॉफ्टवेयर की आवश्यकता है तो वह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को अपनी इच्छा के अनुसार कभी भी इंस्टॉल कर सकता है।
कंप्यूटर के हार्डवेयर को चलाने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर का यूज किया जाता है वही यूजर के किसी बहुत ही जरूरी काम को पूरा करने के लिए एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का यूज किया जाता है। स्वतंत्र रूप से सिस्टम सॉफ्टवेयर को चलाया जा सकता है, वहीं सिस्टम सॉफ्टवेयर की आवश्यकता एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को रन करने के लिए करनी पड़ती है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर बैकग्राउंड में वर्क करते हैं इसीलिए उसके साथ यूजर बातचीत यानी कि इंटरेकट नहीं कर सकता, वही यूजर चाहे तो वह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के साथ इंटरेक्ट कर सकता है। कंप्यूटर को चलाने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, वही टास्क को कंप्लीट करने के लिए एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूजर के लिए इंपॉर्टेंट होती है।
ऑपरेटिंग सिस्टम, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर, ट्रांसलेटर यह सभी सिस्टम सॉफ्टवेयर के एग्जांपल है। जबकि एमएस ऑफिस, इंटरनेट ब्राउजर, मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर यह सभी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के एग्जांपल हैं।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या होता है?
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूजर के विशेष कामों को पूरा करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं जो कि एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर होते हैं। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का निर्माण विभिन्न आईटी सेक्टर से जुड़ी हुई कंपनी करती है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को कितने पार्ट में डिवाइड किया जाता है?
इंफॉर्मेशन के लिए बता दें कि, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को विभिन्न भागों में डिवाइड किया जाता है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का निर्माण कैसे करते हैं?
बता दें कि विभिन्न सॉफ्टवेयर डेवलपर के द्वारा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को क्रिएट किया जाता है और इसके लिए डेवलपर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कि स्टडी करते हैं क्योंकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर बनाने में प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का यूज किया जाता है।
निष्कर्ष
तो साथियों इस लेख का अध्ययन करने के पश्चात हमें पूरी आशा है की आपको एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है के बरेमे पूरी जानकारी मिल गेय होगा? इनका क्या उपयोग होता है? इस विषय पर पूरी जानकारी मिल चुकी होगी। जानकारी से अगर आप संतुष्ट हैं तो दोस्तों के साथ भी इस लेख को शेयर जरूर करें।