विश्व में डिजिटल कंप्यूटर का एक ऐसा प्रकार है जिसे सर्वाधिक इस्तेमाल में लाया जाता है. इसलिए आज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल कंप्यूटर्स देखने को मिल जाते हैं.

लेकिन इनके design और कार्य क्षमता (फंक्शनैलिटी) के आधार पर डिजिटल कंप्यूटर भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं. आज हम इस लेख में डिजिटल कंप्यूटर के प्रकार बिस्तार से समझेंगे.

डिजिटल कंप्यूटर क्या है?

एक कंप्यूटर जो डाटा या इंफॉर्मेशन को अंको का उपयोग करते हुए प्रोसेस करता है आमतौर पर बाइनरी नंबर सिस्टम के जरिए वह एक Digital कंप्यूटर कहलाता है.

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दूसरे शब्दों में कहें तो एक computer जो उस डाटा को एक्सेप्ट तथा प्रोसेस करता है जिसे बायनरी संख्या से तब्दील किया जाए वह एक डिजिटल कंप्यूटर होता है.

वर्तमान में इस्तेमाल होने वाले गैजेट जैसे personal computer, desktop laptop, इत्यादि डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण है.

डिजिटल कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?

वैसे तो डिजिटल कंप्यूटर भी कंप्यूटर ही होते हैं लेकिन एक नॉर्मल कंप्यूटर की तुलना में डिजिटल कंप्यूटर ज्यादा एडवांस और एक्यूरेट रिजल्ट देते हैं. एक नॉर्मल कंप्यूटर की तरह डिजिटल कंप्यूटर भी अलग अलग प्रकार के होते हैं. परंतु इनकी आकृति इनमें सबसे बड़ा अंतर लाती हैं.

साथ ही डिजिटल कंप्यूटर को अलग अलग मकसद के लिए भी बनाया जाता हैं, जिसे हम नीचे देख सकते हैं.

1. आकार के आधार पर डिजिटल कंप्यूटर के प्रकार

आकृति के आधार पर देखे तो डिजिटल कंप्यूटर को 4 भागों में बाटा गया है.

माइक्रो कंप्यूटर

पर्सनल कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर भी कहते हैं. ये कंप्यूटर पूरी तरह माइक्रोप्रोसेसर पर काम करता हैं. माइक्रो कंप्यूटर यूजर्स के पर्सनल यूज को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाता हैं. इस कंप्यूटर की आकृति छोटी होती हैं, साथ ही इसमें लागत भी कम आती हैं.

इस तरह के कंप्यूटर को एक समय पर एक ही व्यक्ति यूज कर सकता हैं. Apple, HP, IBM, Dell के कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर के अच्छे उदाहरण हैं.

मिनी कंप्यूटर

माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में mini computer बड़े होते है और यह कंप्यूटर mainframe computer से छोटे होते हैं.

इस तरह के कंप्यूटर का प्रयोग अधिकतर ट्रैफिक कंट्रोल क्षेत्र, बैंकों में तथा बड़ी-बड़ी कंपनियों में किया जाता हैं. इस तरह के कंप्यूटर को एक समय पर कई व्यक्ति यूज कर सकते हैं.

इस तरह के कंप्यूटर में storage क्षमता बहुत अधिक होती है.

मेनफ़्रेम कंप्यूटर

इस तरह के कंप्यूटर का प्रयोग multiprocessing के लिए किया जाता हैं. इस तरह के कंप्यूटर में एक समय में एक से ज्यादा लोगों के द्वारा प्रोग्रामिंग की जा सकती हैं.

Mainframe कंप्यूटर को मध्य श्रेणी सर्वर के नाम से भी जाना जाता हैं. इस तरह के कंप्यूटर का प्रयोग अधिकतर व्यापार, प्राइवेट सेक्टर, फाइनेंस संबंधित डाटा तथा एप्लिकेशन को चलाने के लिए किया जाता हैं.

सुपर कंप्यूटर

यह कंप्यूटर अपने नाम को पूरी तरह सपोर्ट करता हैं. यह कंप्यूटर बहुत ही एडवांस होते हैं क्योंकि इनकी कार्य करने की क्षमता दूसरे कंप्यूटर की तुलना में बहुत अधिक होती है.

इस तरह के कंप्यूटर का प्रयोग अधिकतर मौसम जानकारी, उपग्रह या अंतरिक्ष विभाग तथा वैज्ञानिक अनुसंधान में किया जाता हैं. इस तरह के कंप्यूटर में कई सारे CPU मौजूद होते हैं.

इस तरह के कंप्यूटर बहुत ही मजबूत और महंगे होते हैं. भारत के पास अपना खुद का सुपर कंप्यूटर हैं जिसका नाम परम और अनुराग हैं.

2. उद्देश्य के आधार पर डिजिटल कंप्यूटर के प्रकार

उद्देश्य के आधार पर डिजिटल कंप्यूटर को अलग ढंग से डिजाइन किया जाता हैं. उद्देश्य को ध्यान में रखकर डिजिटल कंप्यूटर को दो भागों में बाटा गया है.

सामान्य प्रयोजन कंप्यूटर

इस तरह के कंप्यूटर को केवल सामान्य कार्य करने के लिए ही बनाया गया है.

जनरल पर्पस कंप्यूटर का इस्तेमाल word pressing के जरिए लेटर लिखने, डाटाबेस बनाने व दस्तावेजों को छापने के लिए किया जाता है.

इस तरह के कंप्यूटर में जो CPU लगा होता हैं, उसकी कार्य करने की क्षमता भी कम होती है. इस तरह के कंप्यूटर में हम अलग से किसी भी डिवाइस को नहीं जोड़ सकते हैं.

विशेष प्रयोजन कंप्यूटर

इस तरह के कंप्यूटर को एक विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए बनाया जाता है. इस तरह के कंप्यूटर के कार्य करने की क्षमता जनरल कंप्यूटर से अधिक होती है.

साथ ही इसमें लगा CPU भी हाई पावर का होता हैं. इस तरह का कंप्यूटर का प्रयोग अधिकतर music studio, अंतरिक्ष विज्ञान, मौसम विज्ञान, भौतिक रसायन में, यातायात नियंत्रण में, समुंद्र विज्ञान में, कृषि विज्ञान में, इंजीनरिंग आदि में किया जाता हैं.

डिजिटल कंप्यूटर में ऐसी कुछ फीचर्स मौजूद होते हैं जो इनके कार्य करने की क्षमता को बढ़ाते हैं. तो चलिए इन फीचर्स के बारे में और डिटेल में जानते हैं.

डिजिटल कंप्यूटर की विशेषताएं

Good Memory – डिजिटल कंप्यूटर में डाटा स्टोर करने की क्षमता बहुत अधिक होती हैं. डिजिटल कंप्यूटर बड़ी मात्रा एम3n डाटा को एक समय में प्रॉसेस करके retrive भी कर सकता हैं. साथ ही इनमें डाटा को लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सकता हैं.

Flexibility – इस तरह के डिजिटल कंप्यूटर बहुत ही ज्यादा flexible होते हैं इसमें बहुत सारे task को एक साथ किया जा सकता हैं. और किसी तरह की multitasking करने में इन्हे कोई परेशानी नहीं होती हैं.

Good Speed – डिजिटल कंप्यूटर अपनी स्पीड के लिए भी जाने जाते हैं. यह कंप्यूटर सभी काम पूरे क्वालिटी के साथ बहुत जल्दी जल्दी करते हैं.

Automatic – इस तरह के कंप्यूटर ऑटोमैटिक भी काम कर सकते हैं. इन्हे बार बार निर्देश देने की आवश्यकता नहीं होती हैं, एक बार निर्देश देने के बाद यह कंप्यूटर काम अपने आप करते हैं.

Accuracy – इस तरह के कंप्यूटर केवल काम को जल्दी व ऑटोमैटिक ढंग से ही नहीं करते हैं बल्कि ये इनपुट को retrive करके बिल्कुल सही रिजल्ट देते हैं.

निष्कर्ष

तो साथियों आज की इस पोस्ट में आपने जाना डिजिटल कंप्यूटर के प्रकार के बारे में. आशा है लेख कि पढ़ने के बाद डिजिटल कंप्यूटर के विषय में आपके ज्ञान में बढ़ोतरी हुई होगी। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई तो इसको शेयर करना ना भूलें.

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कंप्यूटर एडिशन की संपादकीय टीम आपको सरल भाषा में कंप्यूटर से संबधित सभी साधारण जानकारी सहित ज्ञान कौशल की तालीम प्रदान करती है।

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