सॉफ्टवेयर क्या है, इसकी उपयोगिता को समझने के बाद आज हम इस लेख में सॉफ्टवेयर के प्रकार सीखने जा रहे है.

इस युग को IT अर्थात information Technology का युग कहा जाता है आज वैज्ञानिकों ने बहुत से ऐसे कंप्यूटर तथा अन्य डिवाइस तैयार कर लिए हैं जो इंसान से काफी बेहतर है.

software ke prakar hindi

ऐसी सभी Devices को इस्तेमाल करने के लिए एक सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है वैसे तो सॉफ्टवेयर के अनेकों प्रकार होते हैं लेकिन आज हम सॉफ्टवेयर के तीन प्रकार के बारे में जानेंगे.

सॉफ्टवेयर के प्रकार

सॉफ्टवेयर के तीन मुख्य प्रकार होते है. चलिए हम एक एक करके सबके बारे में बिस्तार से जानेंगे. अगर आप चाहे तो यहाँ से सॉफ्टवेयर की आवश्यकता और उपयोगिता पढ़ सकते है.

1. सिस्टम सॉफ्टवेयर

सिस्टम सॉफ्टवेयर वो सॉफ्टवेयर होते है जो अन्य सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए एक मंच प्रदान करते है.

इसे कंप्यूटर सिस्टम का मास्टर सिस्टम और ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है क्योंकि यह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर और अन्य सॉफ्टवेयर को ऑपरेट करने का एक प्लेटफार्म प्रदान करता है.

System software के अंतर्गत सभी ऑपरेटिंग सिस्टम macOS, Linux, Android, Microsoft Windows, computational, industrial automation, इत्यादि service applications के सॉफ्टवेयर आते है.

सिस्टम सॉफ्टवेयर के बगैर किसी भी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर या किसी अन्य सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करना मुमकिन नहीं होता है, सिस्टम सॉफ्टवेयर यूजर को हार्डवेयर, और अन्य सॉफ्टवेयर से सीधे, interact करने की अनुमति देता है.

सिस्टम सॉफ्टवेयर के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित है.

1. BIOS (BASIC INPUT OUTPUT SYSTEM) – बायोस भी एक प्रकार का सिस्टम सॉफ्टवेयर ही होता है जिसके द्वारा आप अपने सिस्टम को ट्रबल सूट, बूट प्रायरिटी और सिस्टम की इंटरनल सेटिंग्स को बदल सकते हैं.

2. BOOT PROGRAM – बूटिंग प्रोग्राम कंप्यूटर को शुरू करने की एक प्रक्रिया है. इसे हार्डवेयर के द्वारा शुरू किया जा सकता है जैसे बटन प्रेस करके, या सॉफ्टवेयर कमांड द्वारा.

जब कोई कंप्यूटर शुरू में संचालित होता है, तो कंप्यूटर के ROM में कमांड स्वचालित रूप से execute होते हैं जो कंप्यूटर के बूट प्रोग्राम को मेमोरी में लोड करने और उसके निर्देशों को execute करने का निर्देश देते हैं.

3. DEVICE DRIVERडिवाइस ड्राइवर भी एक प्रकार का सिस्टम सॉफ्टवेयर ही होता है जब भी आप अपने सिस्टम में किसी भी डिवाइस कनेक्ट करते हैं वह डिवाइस एक हार्डवेयर होता है जो सीधे आपके सिस्टम के सॉफ्टवेयर से इंटरेक्ट नहीं कर सकता.

इसके लिए आपके सिस्टम पर कुछ ड्राइवर इंस्टॉल्ड होना अनिवार्य होता है, काफी सारे ऑपरेटिंग सिस्टम में जरूरी ड्राइवर प्रीइंस्टॉल्ड आते हैं जो उपयोगकर्ता को अच्छी सुविधा प्रदान करते हैं.

2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर

Application software ऐसे सॉफ्टवेयर होते है जो उपयोगकर्ता को text डॉक्यूमेंट बनाने, गेम खेलने, गाने सुनने और वैब browse, आदि जैसे यूजर- ओरिएंटेड कार्य करने की अनुमति देता है.

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसी खास कार्य को करने के लिए ही होते हैं, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कुछ उदाहरण ms word, excel, mozilla, chrome, vlc आदि है.

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को कुछ प्रमुख वर्गों में बांटा गया है जोकि निम्नलिखित हैं.

1. Word processing – इस वर्ग के अंतर्गत ऐसे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर आते हैं जिनका प्रयोग वर्ल्ड प्रोसेसिंग के लिए किया जाता है.

अर्थात जिनके अंदर आप शब्दों से जुड़े कार्य कर सकते हैं. वर्ल्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर के कुछ प्रमुख उदाहरण MICROSOFT WORD, wordpad, notepad आदि है.

2. Spreadsheet – इस वर्ग के अंतर्गत ऐसा सॉफ्टवेयर आते हैं जिसके द्वारा आंकड़ों को रो और कॉलम में दर्शाया जा सकता है जिससे कैलकुलेशन करने में आसानी होती है स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर का प्रमुख उदाहरण MS excel है.

3. Presentation प्रेजेंटेशन वर्ग के अंतर्गत ऐसे सॉफ्टवेयर आते हैं जिनके द्वारा आप अपने स्कूल ऑफिस बिजनेस या अन्य कार्यों के लिए प्रेजेंटेशन तैयार कर सकते हैं इसका मुख्य उदाहरण ms powerpoint है.

4. Web browserवेब ब्राउज़र एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का ऐसा वर्ग है जिसके बारे में अधिकांश लोग जानते हैं इस वर्ग के अंतर्गत ऐसे सॉफ्टवेयर आते हैं जिनके द्वारा उपयोगकर्ता इंटरनेट से जुड़ सकता है, वैब ब्राउजरो के कुछ प्रमुख उदाहरण internet explorer, edge in windows 10, chrome, firefox, navigator, opera, safari आदि है.

5. Development software इस वर्ग के अंतर्गत ऐसे सॉफ्टवेयर आते हैं जिनका का प्रयोग करके उपयोगकर्ता खुद के प्रोग्राम डिवेलप कर सकता है इसके प्रमुख उदाहरण turbo c , turbo c++,msvs, netbeans आदि है.

6. Educational Software – एजुकेशनल सॉफ्टवेयर के अंतर्गत ऐसे सॉफ्टवेयर आते हैं जिनका प्रयोग करके उपयोगकर्ता एजुकेशन से जुड़ी जानकारी जुटा सकता है इसका एक प्रमुख उदाहरण MATLAB नामक सॉफ्टवेयर है इसकी मदद से उपयोगकर्ता गणित से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है.

सिस्टम सॉफ्टवेयर केवल अन्य सॉफ्टवेयर को कार्य करने के लिए प्लेटफार्म देता है लेकिन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसी भी विशेष कार्य को पूरा कर सकते हैं.

3. यूटिलिटी सॉफ्टवेयर

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का प्रमुख काम आपके सिस्टम को मैनेज करना तथा सिस्टम पर आने वाली किसी समस्या को सही करना होता है.

यह आपके सिस्टम का टूलबॉक्स होता है इसके द्वारा आप अपने सिस्टम को सॉफ्टवेयर लेवल पर ठीक कर सकते हैं.

इसके द्वारा आप अपने सिस्टम की स्पीड तेज कर सकते हैं, इसे वायरस से बचा सकते हैं और भी अन्य दिक्कतों से बचा सकते हैं, यूटिलिटी सॉफ्टवेयर हमारे बहुत से कार्य को आसान कर देते हैं.

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का एक प्रमुख उदाहरण एंटीवायरस है, जिसके द्वारा आप अपने कंप्यूटर को वायरस से बचा सकते हैं.

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर की कुछ कैटिगरीज निम्नलिखित है:

1. फाइल मैनेजमेंट टूल – विंडोज फाइल एक्सप्लोरर एक फाइल मैनेजमेंट टूल है जिसके द्वारा आप किसी भी फाइल को आसानी से ढूंढ सकते हैं और उसे move, copy, डिलीट रिनेम और भी बहुत कुछ कर सकते हैं.

2. कम्प्रेशन टूल (ex. winzip, winrar) – यह एक बहुत महत्वपूर्ण टूल होता है इस टूल के द्वारा आप किसी भी फॉर्मेट की फाइल जैसे कि MP3 MP4, JPg आदि का साइज कम कर सकते हैं और इसे कम साइज के साथ शेयर कर सकते हैं इसके बाद जब भी आप इसे वापस इस्तेमाल करना चाहे तो आप इसे एक्सट्रैक्ट कर सकते हैं.

3. डिस्क क्लीनअप – यह भी एक महत्वपूर्ण यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का प्रकार है इसके द्वारा अपने सिस्टम में मौजूद किसी भी डिस्क को क्लीन कर सकते हैं, इससे आपके सिस्टम की स्पीड बढ़ती है example:- क्लीनअप ccleaner.

4. डिस्क मैनेजमेंट – डिस्क मैनेजमेंट यूटिलिटी से आप, अपनी ड्राइव को नए पार्टीशन में sync का कर सकते हैं.

5. बेकअप यूटिलिटी – बैकअप यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के द्वारा अपने जरूरी फाइलों का बैकअप कर रख सकते हैं. यदि कारणवश आपके द्वारा वह फाइल डिलीट हो जाती है तो आप उन्हें दोबारा से अपने सिस्टम में ला सकते हैं.

6. एंटीवायरस – एंटीवायरस यूटिलिटी सॉफ्टवेयर होते हैं जो आपके सिस्टम को बाहरी वायरस के हमले से सुरक्षित रखते हैं, माइक्रोसॉफ्ट डिफेंडर नेट प्रोटेक्टर, McAfee, आदि एंटीवायरसओ के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं.

निष्कर्ष

तो साथियों इस लेख को पढ़ने के बाद सॉफ्टवेयर के प्रकार समझने में अब आसानी होगी. यदि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित हुई है तो सांझा करना न भूलें.

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